कांग्रेसी विषधर

हम नहीं सुधरेंगे --राजनीती के बहुमत से पिछड़ रही कांग्रेस को आगे बढ़ने से पीछे रोकने के लिए बढ़ते खरपतवार रुपी अत्यन्त विनाशक (फसल में फसल के लिए हानिकारक घास को खरपतवार कहते हैं) और दमनकारीनेता पिछले अनेक वर्षों से कांग्रेस में अनेक ऐसे चेहरे आगे आते रहे हैं जिनकी वजह से कांग्रेस सत्ता की दौड़ में आगे होते होते पीछे रह जाती है याद कीजिये कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी भी ऐसी ही भूल का शिकार हो चुकी हैं गुजरात के चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को मौत का सौदागर कहते ही जीती कांग्रेस को बाज़ी हारनी पड़ी इसके बाद आम चुनावों में नरेन्द्र मोदी को मामूली सा चाय वाला बताकर उपहास उड़ाने वाले मणिशंकर अय्यर कांग्रेस की पराजय के प्रतीक बने जिसके कारण मणि शंकर अय्यर को कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया कुछ महीनों बाद उनको दोबारा कांग्रेस में शामिल कर लिया गया अब जब अनेक राज्यों में विधान सभा चुनाव नज़दीक हैं मणिशंकर अय्यर ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को अप्रत्यक्ष रूप से कातिल कहकर कांग्रेस के बढ़ते क़दमों को विराम देने का प्रयास किया है यह कितना हानिकारक होगा इसका पता तो चुनाव के बाद लगेगा लेकिन कांग्रेस और उसके नेताओं को समझ लेना चाहिए कि उनके पास खोने के लिए अधिक कुछ नहीं है लेकिन बिगड़ने के लिए अभी काफी कुछ बाकि है इसलिए ऐसे नेताओं पर कांग्रेस नेतृत्व को अविलम्ब लगाम लगनी चाहिए मणि शंकर के अलावा और भी अनेक ऐसे नाम हैं जिनके बिगड़े बयानआगे बढती कांग्रेस के लिए खरपतवार का काम कर रहे हैं यद्धपि कांग्रेस की तरफ से देरी से आये बयान के अनुसार उसने मणि शंकर के बयान से यह कहकर किनारा कर लिया कि यह मणि का अपना बयान है लेकिन उससे नुकसान तो हो ही चूका है कांग्रेस ने इसी तरह अनेक नेताओं के बयानों से यह कहकर किनारा किया कि वे कथित नेता के निजी बयान थे लेकिन और किसी के बयान से तो पार्टी किनारा कर सकती है लेकिन यदि पार्टी के सर्वोच्च नेता की बात हो तो क्या करे ऐसे ही एक बयान पर राहुल गाँधी फस चुके हैं और उच्चतम न्यायालय में माफ़ी मांगने पर ही पीछा छूटा


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पूतसपूत तो का धन संचय पूत कपूत तो का धन संचयपूत कपूत तो का धन संचय -पूत सपूत तो का धन संचय --जब में बहुत छोटा था तो मेरे दादाजी की कही ये बात मुझे याद है जिसका मतलब है यदि बेटा योग्य है तो धन क्या कमाना वह खुद संचित कर लेगा और बेटाअयोग्य है तो किसके लिए धन कमाना वह कमाए हुए को ही बर्बाद कर देगा आज यही स्थिति नारायण राणे और कैलाश विजय वर्गीय सहित अनेक माता पिताओं की है की है बेटे के कृत्यों से उनकी इज्जत और सम्मान को ठेश लगी है और सबसे अधिक ठेश तो उन माता पिता की इज्जत और सम्मान को लगी जिनके बेटे दुष्कर्म ,बलात्कार,बह्शियत और हैवानियत जैसे अपराधों में लिप्त हैं इज्जत और सम्मान की बात करें तो जिन माँ बाप के बेटे आतंकी बन गए उनके परिवार की शाख और इज्जत भी दाव पर लगी है भगवान् बेटे तो दे लेकिन ऐसे कपूत ना दे जिनके कारण माता पिता की इजत और सम्मान को ठेश पहुचती है
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लीक से हटकर उद्धव लीक से हटकर --ठाकरे के मंत्री मंडल में बेटे आदित्य का शामिल होना बहुत सारे लोगों को हज़म नहीं हो रहा है आदित्य पहली बार विधायक बने हैं अनुभवहीन हैं और पिता मुख्यमंत्री हैं ऐसे में आदित्य को मंत्री बनाना और वह भी कैबिनेट मंत्री बनाना (जैसी चर्चा है)कोई अच्छा सन्देश नहीं कहा जा सकता मुझे तो ध्यान नहीं आता कि पहले किसी पिता के मुख्यम्न्त्रिकल में उसके बेटे को मंत्री पद दिया गया हो यदि जवाहरलाल नेहरु जी को छोड़ दिया जाए तो और किसी भी प्रधान मंत्री ने भी अपनी कैबिनेट में किसी बेटा या बेटी को मंत्री नहीं बनाया सुना गया है कि योगी आदित्य नाथ ने आज के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के पुत्र नीरज को मंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था जिसे राजनाथ सिंह ने कठोरता से ख़ारिज कर दिया शिवसेना के मुख्य मंत्री श्री उद्धव ठाकरे आदर्श और उच्च मानदंडों को स्थापित करने की दुहाई देती है लेकिन बेटे को मुख्यमंत्री बनाकर वे कौन से उच्च मान दंडों और परम्परा का निर्वहन कर रहे हैं
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